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जागो और जिओ (Paper Back)




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Book Details

Author Osho
Publication Penguin India
Language Hindi
Category Spirituality
Pages 412
Dimension 2 x 14 x 22 cm
Weight 250 gm
ISBN 9780143459651
About Book धम्मपद के तो अंतिम सूत्र का दिन आ गया, लेकिन इस सत्संग को भूल मत जाना। इसे सम्हाल कर रखना। यह परम संपदा है। इसी संपदा में तुम्हारा सौभाग्य छिपा है। इसी संपदा में तुम्हारा भविष्य है। फिर-फिर इन गाथाओं को सोचना। फिर-फिर इन गाथाओं को गुनगुनाना। फिर-फिर इन अपूर्व दृश्यों को स्मरण में लाना। ताकि बार-बार के आघात से तुम्हारे भीतर सुनिश्चित रेखाएं हो जाएँ। पत्थर पर भी रस्सी आती-जाती रहती है, तो निशान पड़ जाते हैं। ओशो अब हम ऐसे ध्यानी पैदा करें, जो प्रेम कर सकें। और ऐसे प्रेमी पैदा करें, जो ध्यान कर सकें।
इस पुस्तक में ओशो निम्नलिखित विषयों पर बोले हैं: जीवन, सत्य, मृत्यु, प्रेम, ध्यान, मौन, संकल्प, राजनीति, संस्कृति, मोह|

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