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बुद्धिजीवियों की अफीम साम्यवाद एक विवेचन (Paper Back)




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Book Details

Author Shankar Saran
Publication Setu Prakashan PVT. LTD.
Language Hindi
Category Non-Fiction
Pages 216
Dimension 18 x 12.5 x 1.5 cm
Weight 225 gm
ISBN 978-93-80441-69-6
About Book

बुद्धिजीवियों की अफीम

साम्यवाद एक विवेचन – शंकर शरण

वामपन्थी वैचारिकता से प्रतिबद्धता जोड़ लेना लेखकों-बुद्धिजीवियों में एक विश्वव्यापी रोग रहा है। प्रायः यह प्रतिबद्धता बिना अधिक सोचे-विचारे बमती रही। बुद्धिजीवियों की अफीम इसी रोग का एक संक्षिप्त, पर भूमंडलीय विश्लेषण है। यह पुस्तक लम्बे समय से महसूर की जा रही एक कमी पूरी करती है। सोवियत विघटन के बाद भी भारत में माक्र्सवादी वैचारिकता का पुनर्मूल्यांकन नितान्ना अपर्याप्त रहा है। यह उसकी भरपाई का भी प्रयास है।
यह पुस्तक साहित्य, राजनीति, इतिहास, दर्शन और मनोविज्ञान आदि सभी विषयों की सीमा में आती है। बामपन्थी विचारधारा से दुनिया भर में साहित्यकारों का सम्बा, बचकाना सम्मोहन इसका केन्द्रीय विषय है। मुख्यतः रुप्मी, भारतीय, अमेरिकी और चीनी लेखकों के अनुभवों, अवलोकनों पर आधारित यह एक प्रामाणिक विश्लेषण है। इसमें अलेक्सांद्र सोल्नलिसन हावर्ड फास्ट, अज्ञेय, अलेक्जेंडर फादेयेव, बोरिस पोलोई, राज थापर, ती ता-लिंग आदि अनेक विख्यात लेखकों, बुद्धिजीवियों के अपने आकलन और साक्ष्य के कई रोमांचक प्रसंग जुड़े हैं। सम्पूर्ण प्रस्तुति साहित्यिक शैली में होने से यह जितनी रोचक है. उतनी ही मूल्यवान और ज्ञानवर्द्धक भी। समाज-विज्ञान के विद्यार्थियों और गम्भीर अध्येताओं के लिए भी यह समान रूप से उपादेय। साम्यवाद के सिद्धान्त और व्यवहार के आलोचनात्मक अध्ययन में एक महत्वपूर्ण हिन्दी अवदान।


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